REET Pre. level II सामाजिक अध्ययन शिक्षण विधियां BOOK
REET Level-II (कक्षा 6 से 8) में सामाजिक अध्ययन शिक्षण विधियाँ एक अत्यंत महत्वपूर्ण भाग है। सामाजिक अध्ययन में इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र (राजनीति विज्ञान) एवं अर्थशास्त्र शामिल होते हैं। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को समाज, संस्कृति, राजनीति, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण की गहन समझ प्रदान करना है।
📌 मुख्य बिंदु :
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परिभाषा
सामाजिक अध्ययन शिक्षण विधियाँ वे प्रक्रियाएँ हैं जिनके माध्यम से शिक्षक विद्यार्थियों को इतिहास, भूगोल, राजनीति व अर्थशास्त्र जैसे विषयों को रोचक, सरल और जीवनोपयोगी ढंग से पढ़ाता है। -
उद्देश्य
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विद्यार्थियों में सामाजिक जागरूकता और नागरिकता बोध विकसित करना।
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लोकतांत्रिक मूल्यों, अधिकारों और कर्तव्यों की समझ दिलाना।
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इतिहास और भूगोल को जीवन से जोड़कर पढ़ाना।
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बच्चों में तर्कशक्ति, आलोचनात्मक सोच और समस्या-समाधान क्षमता का विकास करना।
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प्रमुख शिक्षण विधियाँ (Teaching Methods in Social Studies)
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व्याख्यान पद्धति (Lecture Method) – विषय को समझाकर बताना।
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प्रश्नोत्तर पद्धति (Question-Answer Method) – विद्यार्थियों से संवाद के माध्यम से सीखना।
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चर्चा पद्धति (Discussion Method) – सामाजिक मुद्दों पर विचार-विमर्श।
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प्रोजेक्ट पद्धति (Project Method) – किसी सामाजिक या ऐतिहासिक विषय पर प्रोजेक्ट कार्य।
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समस्या समाधान पद्धति (Problem Solving Method) – सामाजिक समस्याओं का विश्लेषण।
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दृश्य-श्रव्य विधि (Audio-Visual Method) – मानचित्र, चार्ट, चित्र, वीडियो का उपयोग।
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भूमिका निर्वाह पद्धति (Role Play / Dramatization) – ऐतिहासिक घटनाओं या सामाजिक भूमिकाओं का अभिनय।
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मैदानी भ्रमण (Field Trip Method) – ऐतिहासिक स्थल, संग्रहालय, पंचायत या न्यायालय का भ्रमण।
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महत्त्व
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विद्यार्थियों को वास्तविक जीवन से जोड़ना।
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उन्हें जागरूक, जिम्मेदार और सक्रिय नागरिक बनाना।
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सामाजिक अध्ययन को रोचक और व्यावहारिक बनाना।
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बच्चों में नेतृत्व क्षमता, सहयोग भावना और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण का विकास करना।
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👉 संक्षेप में, REET Level-II सामाजिक अध्ययन शिक्षण विधियाँ विद्यार्थियों को समाज और जीवन से जोड़ने, लोकतांत्रिक मूल्यों को समझाने और इतिहास-भूगोल को रोचक बनाने का प्रभावी माध्यम हैं।