राजस्थान कला एवं संस्कृति MCQ BOOK
राजस्थान की कला एवं संस्कृति (Art & Culture of Rajasthan)
राजस्थान अपनी समृद्ध कला, स्थापत्य और सांस्कृतिक धरोहर के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यहाँ की कला एवं संस्कृति परंपराओं, लोक जीवन, वीरता और शौर्य से प्रेरित है।
📌 प्रमुख पहलू
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स्थापत्य कला (Architecture)
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किले : आमेर, कुम्भलगढ़, जैसलमेर, चित्तौड़गढ़।
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महल : सिटी पैलेस (जयपुर, उदयपुर), हावा महल, उमैद भवन।
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हवेलियाँ : शेखावाटी क्षेत्र की चित्रित हवेलियाँ।
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जैनी मंदिर : रणकपुर, दिलवाड़ा (माउंट आबू)।
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चित्रकला (Painting)
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मेवाड़ शैली – राजपूत वीरता व भक्ति पर आधारित।
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मारवाड़ शैली – लोक जीवन चित्रण।
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ढूँढाड़ शैली (जयपुर) – लघुचित्र।
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किशनगढ़ शैली – "बाणी ठणी" चित्रकला।
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अलवर, बूंदी, कोटा शैली – प्रकृति और शिकार दृश्यों का चित्रण।
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संगीत एवं नृत्य (Music & Dance)
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लोक संगीत – मांड, पधारो म्हारे देश, बन्ना-बन्नी गीत।
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लोक वाद्य – एकतारा, रावणहट्टा, कमायचा, ढोलक।
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लोक नृत्य – घूमर (मारवाड़), कलबेलिया, चकरी, तेजाजी का नृत्य, गवरी (मेवाड़), तेरहताली (कमर बंधे मंजीरे)।
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लोक नाटक (Folk Dramas)
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ख्याल, स्वांग, नौटंकी, गवरी, झूमर इत्यादि।
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हस्तशिल्प (Handicrafts)
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ब्लू पॉटरी (जयपुर)।
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बधेज प्रिंट (सांगानेर, बगरू, पाली)।
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जरी-जरदोजी (जयपुर, अजमेर)।
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पत्थर व संगमरमर की नक्काशी (मकराना, राजसमंद)।
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ऊँट-घोड़े की सजावट, कठपुतली कला (Puppetry)।
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त्योहार एवं मेले (Festivals & Fairs)
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पुष्कर मेला (अजमेर) – ऊँट व पशु मेला।
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मरु उत्सव (जैसलमेर)।
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तीज व गणगौर – नारी जीवन से जुड़े पर्व।
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डेजर्ट फेस्टिवल, उर्स (अजमेर शरीफ), कौमी एकता मेला।
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भोजन संस्कृति (Cuisine)
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दाल-बाटी-चूरमा, केर-सांगरी, गट्टे की सब्जी, पापड़ की सब्जी।
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मिठाइयाँ – घेवर, मावे की कचौरी, मोहनथाल।
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👉 संक्षेप में, राजस्थान की कला एवं संस्कृति स्थापत्य, चित्रकला, लोकगीत, नृत्य, शिल्पकला, त्योहार और भोजन परंपराओं का अद्भुत संगम है, जो इसे "रंगीलो राजस्थान" की पहचान दिलाता है।