राजस्थान मानचित्रावली New Edition BOOK
राजस्थान मानचित्र सामान्य विज्ञान का आशय यह है कि राजस्थान के विभिन्न जिलों, भौगोलिक क्षेत्रों और प्राकृतिक संसाधनों को सामान्य विज्ञान की दृष्टि से समझाया जाए। यह विषय प्रतियोगी परीक्षाओं (REET, RPSC, Patwar, SSC GD, etc.) में बहुत महत्वपूर्ण होता है।
मुख्य बिंदु :
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राजस्थान मानचित्र का महत्व
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राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है (क्षेत्रफल के आधार पर)।
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यहाँ की भौगोलिक स्थिति, जलवायु, खनिज संपदा, वनस्पति और जीव-जंतु को मानचित्र के माध्यम से समझाना आसान होता है।
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मानचित्र आधारित प्रश्न सामान्य विज्ञान और सामान्य ज्ञान दोनों में आते हैं।
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सामान्य विज्ञान से संबंधित मुख्य क्षेत्र
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खनिज एवं धातुएँ : ताँबा (खेतड़ी), जस्ता (उदयपुर, भीलवाड़ा), चाँदी (कायड़ व रामपुरा-आगुचा), संगमरमर (राजसमंद, मकराना)।
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ऊर्जा संसाधन : सौर ऊर्जा (जैसलमेर, जोधपुर), पवन ऊर्जा (जैसलमेर, बाड़मेर), परमाणु ऊर्जा (Rawatbhata, चित्तौड़गढ़)।
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वनस्पति एवं जीव-जंतु : रेगिस्तानी वनस्पति (थार मरुस्थल), वन्यजीव अभयारण्य (रणथंभौर, सरिस्का, कुम्भलगढ़)।
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जल संसाधन : इंदिरा गाँधी नहर, चम्बल परियोजना, बिसलपुर बाँध।
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भौगोलिक विशेषताएँ : अरावली पर्वतमाला, थार मरुस्थल, बनास और लूणी नदी घाटी।
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परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्न
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राजस्थान के किस जिले में कौन-सा खनिज पाया जाता है?
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राजस्थान में सौर व पवन ऊर्जा संयंत्र कहाँ स्थापित हैं?
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कौन-सी नदी किस जिले से बहती है?
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वन्यजीव अभयारण्य व राष्ट्रीय उद्यान मानचित्र पर कहाँ स्थित हैं?
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महत्त्व
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विद्यार्थियों को राजस्थान के प्राकृतिक व वैज्ञानिक संसाधनों की जानकारी होती है।
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प्रतियोगी परीक्षाओं में सही उत्तर देने में मदद मिलती है।
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राजस्थान की भौगोलिक एवं वैज्ञानिक पहचान को समझने में सहायक।
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👉 संक्षेप में, राजस्थान मानचित्र सामान्य विज्ञान विद्यार्थियों को खनिज, ऊर्जा, जल, वनस्पति, जीव-जंतु और भौगोलिक विशेषताओं को वैज्ञानिक दृष्टि से पढ़ने का अवसर देता है।