REET Pre. Exam Level 1st (शिक्षण विधियां) BOOK
REET (Rajasthan Eligibility Examination for Teachers) परीक्षा में शिक्षण विधियाँ एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। यह भाग इस बात पर केंद्रित होता है कि एक अध्यापक किस प्रकार बच्चों को सरल, रोचक और प्रभावी ढंग से पढ़ा सकता है।
मुख्य बिंदु :
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शिक्षण विधियों की परिभाषा –
शिक्षण विधि वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से शिक्षक ज्ञान, कौशल और मूल्यों को विद्यार्थियों तक पहुँचाता है। -
REET में शिक्षण विधियों का उद्देश्य –
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अध्यापन को अधिक प्रभावी और सरल बनाना
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विद्यार्थियों की समझ और सोचने की क्षमता को बढ़ाना
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कक्षा में सक्रिय सहभागिता (Active Participation) कराना
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विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायता करना
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प्रमुख शिक्षण विधियाँ (Teaching Methods) जो REET में आती हैं –
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व्याख्यान पद्धति (Lecture Method) – समझाने और बताने की विधि
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प्रदर्शन पद्धति (Demonstration Method) – प्रयोग और क्रियाओं द्वारा शिक्षा
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प्रश्नोत्तर पद्धति (Question-Answer Method) – प्रश्न पूछकर बच्चों की जिज्ञासा और सोच विकसित करना
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आविष्कारात्मक पद्धति (Discovery Method) – बच्चों को स्वयं खोजने और सीखने के अवसर देना
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समस्या समाधान पद्धति (Problem Solving Method) – वास्तविक जीवन की समस्याओं द्वारा सीखना
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प्रोजेक्ट पद्धति (Project Method) – समूह कार्य और प्रोजेक्ट द्वारा शिक्षा
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नाटक एवं अभिनय पद्धति (Dramatization Method) – रोल प्ले और अभिनय द्वारा पढ़ाना
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बालकेन्द्रित विधियाँ (Child-Centered Methods) – बच्चों की रुचि और स्तर के अनुसार शिक्षा देना
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महत्त्व –
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विद्यार्थियों में आत्मविश्वास, तर्कशक्ति और रचनात्मकता का विकास
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शिक्षा को जीवनोपयोगी और व्यावहारिक बनाना
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बच्चों में अनुशासन, सहयोग और सामाजिक मूल्यों की स्थापना
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👉 संक्षेप में, REET शिक्षण विधियाँ वह आधार हैं जिनसे भावी शिक्षक यह सीखते हैं कि बच्चों को कैसे प्रभावी और रोचक तरीके से पढ़ाया जाए।